Jab Tere Khayal Se Mulakat Ho Jati Hai


जब तेरे ख्याल से मुलाकात हो जाती है!
तूझे याद करते करते रात हो जाती है!
रूकता नहीं है सिलसिला इरादों का मेरे,
जब ख्वाबों से रूबरू बात़ हो जाती है!

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