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छु ना सको “आसमान”
…तो ना सही
लोगों के…
“दिल” को छूने का
आंनद भी
आसमान छूने से कम नहीं!

अगर चाहते हो कि भगवान मिले, तो ऐसे कर्म करो जिससे दुआ मिले..
शुभरात्रि

जिंदगी जब देती है तो एहसान नहीं करती और जब लेती है तो लिहाज नहीं करती।।

बदलते तो सब है कोई सही वक्त पे तो कोई बुरे वक्त पे..!
शुभरात्रि

पूरे ब्रह्माण्ड में
“जुबान ही”
एक ऐसी चीज़ है,
जहाँ पर..
“जहर और अमृत”
एक साथ रहतें है!