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मुसीबत में फंस जाने पर…
मनुष्य को गृह दोष…
वास्तु दोष…पितृ दोष…शनि दोष..
कालसर्प दोष…आदि दोष
दिखाई देने लगते हैं..,
केवल..खुद का दोष
दिखाई नहीं देता…!

ठोकर खाया हुआ दिल है साहब!
भीड़ से ज्यादा तन्हाई अच्छी लगती है !!

जब भी देखता हुं हसते
खिल खिलाते चेहरेे लोगों के,
दुआ करता हुं,
इन्हे कभी मोहब्बत ना हो.

बहुत शौक है ना तुझे !! बहस का
आ बैठ बता मोहब्बत क्या है !!

छेड़कर जमानेभर की लड़कियों को,
रोया वो रातभर,
जिस रोज घर उसके बिटिया ने जन्म लिया ।।

चाहत का क्या ..? किसी को भी चाह लें… मसला मोहब्बत का है,
सिर्फ एक से होती है..!!

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जो लोग मुझे ग़लत समझते हैं
तो मुझे बुरा नहीं लगता,

क्यूँकि वो मुझे उतना ही समझते
हैं जितनी उनमे समझ हैं..!!

उसने हर नशा सामने लाकर रख दिया और कहा,
सबसे बुरी लत कौन सी हैं, मैने कहा तेरे प्यार की।

Kabhi kabhi aisa bhi hota hai,
Pyar ka asar zara der sa hota hai,
Aapko lagta hai hum kuch nahi sochte aap ke bare main,
Par hamari har
baat mai aap ka hi zikr hota hai.

बार-बार माफ़ तो किया जा सकता है
पर भरोसा सिर्फ एक बार ही होता है..